हिंदी मुहावरे व लोकोक्तियाँ एक वाक्य या वाक्यांश होते हैं, जो एक विशेष अर्थ समझाने के लिए उपयोग किये जाते हैं। ये वाक्य या वाक्यांश ज्यादातर संगठित नहीं होते हैं और लोगों की भाषा में आमतौर पर उपयोग किये जाने वाले विशेष शब्दों का समूह होते हैं।
लोकोक्तियाँ और मुहावरों का उपयोग बोली जाने वाली भाषाओं में देखा जाता है, जैसे हिंदी, उर्दू, पंजाबी, गुजराती, मराठी, बंगाली आदि। ये बोली की सामान्य जीवन की घटनाओं और दृष्टिकोणों से उत्पन्न होते हैं और जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं। इन्हें अक्सर उपयोग करने से भाषा का अधिक संवेदनशील और संस्कारी अंदाज प्रभावित होता है।
इनका उपयोग वाक्यों के रूप में, संवादों में, कहानियों में, कविताओं में और अन्य विभिन्न विषयों पर लिखित काम में किया जाता है। इन्हें समझना और उपयोग करना भाषा के विकास और समृद्धि के लिए बहुत महत्व पूर्ण है।
मुहावरें की परिभाषा
मुहावरों की परिभाषा है कि ये वाक्यांश होते हैं जो किसी विशेष विषय या अवस्था का वर्णन करते हैं और इसे सामान्य अर्थ से बाहर निकलते हुए अपना विशिष्ट अर्थ रखते हैं। मुहावरे सामान्य भाषा में प्रयोग किए जाते हैं और उन्हें अपनी भाषा के बीच बातचीत के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। उनका उपयोग किसी विषय के वर्णन में, किसी वाक्य की दृष्टि से अधिक संक्षिप्तता और प्रभाव जोड़ने के लिए किया जाता है। ये भाषा के एक महत्वपूर्ण अंग हैं ।
मुहावरें कितने प्रकार के होते हैं?
मुहावरे कई प्रकार के होते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ आम मुहावरों के प्रकार:
1. भौगोलिक मुहावरे: जैसे कि नाक का नुकीला होना, आसमान में तारे गिनना आदि।
2. रंगीन मुहावरे: जैसे कि लाल सलवार पहनना, हरे रंग की शाखा से चुनाव जीतना आदि।
3. धार्मिक मुहावरे: जैसे कि भगवान के नाम पर खाना, पानी में अग्नि जलाना आदि।
4. वैज्ञानिक मुहावरे: जैसे कि विज्ञान के उत्पादों के नाम पर बात करना, जैसे कि अणुओं का विस्फोट हो जाना आदि।
5. इतिहास से संबंधित मुहावरे: जैसे कि दिल्ली की राजधानी बदलना, मुगलों के समय की बात करना आदि।
6. सांस्कृतिक मुहावरे: जैसे कि कला और संस्कृति से संबंधित मुहावरे, जैसे कि सूरज की किरणें महलों को चूमती हैं आदि।
7. विज्ञान व मानव शरीर से संबंधित मुहावरे – जैसे सांस फूलना, दिमाग घूमना, हाथ पैर फैलाना आदि।
8. व्यवसाय से संबंधित मुहावरे – जैसे नए नए खेल खेलना, खुला सूत्र बताना, मोह माया छल चलना आदि।
9. खाद्य से संबंधित मुहावरे – जैसे मुंह में पानी आना, चाटना-चबाना, मक्खन लगाना आदि।
10. समाज से संबंधित मुहावरे – जैसे दिल का सचा होना, आँख मिचौली खेलना, अपना घर समझना आदि।
11. स्वास्थ्य से संबंधित मुहावरे – जैसे आँख का फड़कना, पेट भर जाना, दिल तोड़ना आदि।
इनके अलावा भी कई प्रकार के मुहावरे होते हैं जैसे कि जीवन से संबंधित, परिवार से संबंधित आदि।
मुहावरों की क्या विशेषताएँ हैं?
मुहावरे भाषा की एक विशेष शैली हैं जो अक्सर दैनिक वार्तालाप में उपयोग की जाती हैं। मुहावरे की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. व्यापक अर्थ: मुहावरे व्यापक अर्थ ढूंढने के लिए उपयोगी होते हैं। ये आमतौर पर सामान्य शब्दों से अधिक रंगीन होते हैं और अक्सर बोलचाल के अंदाज से उपयोग किए जाते हैं।
2. रूचिकर: मुहावरे अक्सर वाक्य को रूचिकर बनाते हैं और बोलने वाले की भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करते हैं।
3. अधिकतम उपयोग: मुहावरे वाक्यों के भाव को सुनिश्चित करने में मदद करते हैं और उन्हें याद रखना भी आसान होता है।
4. संक्षेप: मुहावरे लंबे वाक्यों की जगह पर संक्षेप में अपनी बात पहुंचाने में मदद करते हैं।
5. जीवंतता: मुहावरे के उपयोग से वाक्य जीवंत और रंगीन हो जाते हैं।
6. लोकप्रियता: कुछ मुहावरे जनता के बीच बहुत लोकप्रिय होते हैं जो अक्सर उनके व्यवहार के हिस्से बन जाते है ।
2. अपनी विशेषता: हर मुहावरा अपनी विशेषता रखता है। ये बोलने वाले के भावों, स्थितियों और अनुभवों को अधिक संगीतमय बनाते हैं।
3. व्यंग्य: मुहावरे कभी-कभी व्यंग्य के रूप में भी उपयोग किए जाते हैं। इन्हें बोलने से वाक्य का माहौल खुशगवार होता है और उसमें हंसी उत्पन्न होती है।
4. संक्षेप: बहुत से मुहावरे बड़े वाक्यों के स्थान पर उपयोग किए जाते हैं और इससे वाक्य को संक्षेपित करने में मदद मिलती है।
5. परिवर्तनशीलता: मुहावरे समय के साथ बदलते रहते हैं।
6. अलंकारिक रूप: मुहावरे अक्सर अलंकारिक रूप धारण करते हैं, जिनसे वे बोलचाल के अंदाज में अधिक प्रभावशाली होते हैं। इन्हें सुंदरता, विविधता और शैली का एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है।
7. सांस्कृतिक पहचान: विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों में अलग-अलग मुहावरे होते हैं जो उनकी पहचान बनाते हैं। इन्हें बोलने वाले की सांस्कृतिक पहचान को प्रतिबिंबित करने में मदद मिलती है।
8. बोलचाल की शैली: मुहावरे उन बोलचाल की शैली को प्रतिबिंबित करते हैं, जो एक समुचित संबंध का सुझाव देते हुए उपयोग में लाए जाते हैं। उन्हें उच्चारण, तुलना और वाक्य में फिट करने के लिए बनाया जाता है।
9. समीकरण: मुहावरे समय की गति के अनुसार उत्पन्न होते हैं और अक्सर नए समीकरणों के साथ व्यवहार में आते हैं। इनका उपयोग भाषा के नए एवं निर्विवाद विविधता लाने में मददगार होता है।
10. व्यापक उपयोग: मुहावरे अपने व्यापक उपयोग के लिए जाने जाते हैं। इनका उपयोग सीधे मानसिक तथा भावनात्मक प्रकटीकरण के लिए भी किया जाता है।
11. विवेक और समझ: मुहावरे विवेक और समझ का प्रदर्शन करते हैं। इनका उपयोग समस्याओं के समाधान, आत्मविश्वास और निर्णय लेने के लिए किया जाता है।
12. मनोरंजन: मुहावरे उनकी मनोरंजन और मनोरमता के लिए भी प्रशंसा की जाती है। वे बोलचाल के अंदाज को सुंदर और उल्लेखनीय बनाते हैं।
13. सांस्कृतिक संदर्भ: मुहावरों को सांस्कृतिक संदर्भ से देखा जा सकता है। उनमें सांस्कृतिक और स्थानिक परम्पराओं का भी प्रभाव होता है और वे उन समाजों की सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विशिष्टताओं को प्रतिबिंबित करते हैं।
अर्थ, उदाहरण और वाक्य प्रयोगो के साथ मुहावरें
अ, आ से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] अक्ल का अन्धा – मूर्ख
वाक्य प्रयोग- वह लड़का तो अक्ल का अन्धा है, उसे कितना ही समझाओ, मानता ही नहीं है।
[2] अक्ल पर पत्थर पड़ना – बुद्धि नष्ट होना।
वाक्य प्रयोग- राजा दशरथ ने कैकेयी को बहुत समझाया कि वह राम को वन भेजने का वरदान न माँगे; पर उसकी अक्ल पर पत्थर पड़े हुए थे; अत: वह न मानी।
[3] अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरना – मूर्खतापूर्ण कार्य करना।
वाक्य प्रयोग- तुम स्वयं तो अक्ल के पीछे लाठी लिये फिरते हो, हम तुम्हारी क्या सहायता करें।
[4] अपना उल्लू सीधा करना – अपना काम निकालना।
वाक्य प्रयोग- कुछ लोग अपना उल्लू सीधा करने के लिए दूसरों को हानि पहुँचाने से भी नहीं चूकते।
[5] आग-बबूला होना – अत्यधिक क्रोध करना।
वाक्य प्रयोग- नौकरानी से टी-सेट टूट जाने पर मालकिन एकदम आग-बबूला हो गई।
[6] आसमान टूट पड़ना – अचानक घोर विपत्ति आ जाना।
वाक्य प्रयोग- यूसुफ जाई मलाला ने स्त्री शिक्षा का समर्थन क्या किया, उस पर तो मानो आसमान टूट पड़ा और उसकी जान पर बन आई।
[7] आस्तीन का साँप – कपटी मित्र।
वाक्य प्रयोग- प्रदीप से अपनी व्यक्तिगत बात मत कहना, वह आस्तीन का साँप है; क्योंकि आपकी सभी बातें वह अध्यापक महोदय को बता देता है।
[8] आठ-आठ आँसू बहाना – बहुत अधिक रोना।
वाक्य प्रयोग- महेश अपने पिता के स्वर्गवास पर आठ-आठ आँसू रोया।
[9] आग में घी डालना – क्रोध अथवा झगड़े को और अधिक भड़का देना।
वाक्य प्रयोग- बेटी के मुँह से बहू की शिकायत सुनकर सास वैसे ही भरी बैठी थी, बस बहू की टिप्पणी ने तो जैसे आग में घी डाल दिया और सास ने रौद्र रूप दिखाते हुए बहू को चोटी पकड़कर घर से बाहर कर दिया।
[10] अगर-मगर करना – तर्क करना या टालमटोल करना
वाक्य प्रयोग – ज्यादा अगर-मगर करने वाले व्यक्ति को कोई पसंद नहीं करता।
[11] अन्धे की लाठी लकड़ी.होना – एकमात्र सहारा होना।
वाक्य प्रयोग – निराशा में प्रतीक्षा अन्धे की लाठी है।
इ, ई से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] इधर-उधर की हाँकना – बेकार की बातें करना या गप मारना
वाक्य प्रयोग – सुभाष हमेशा इधर-उधर की हाँकता रहता हैं, कभी बैठकर पढ़ता नहीं।
[2] ईंट का जबाब पत्थर से देना – जबरदस्त बदला लेना
वाक्य प्रयोग – भारत अपने दुश्मनों को ईंट का जबाब पत्थर से देगा।
[3] ईद का चाँद होना – बहुत दिनों बाद दिखाई देना
वाक्य प्रयोग – तुम तो कभी दिखाई ही नहीं देते, तुम्हें देखने को तरस गया, ऐसा लगता है कि तुम ईद के चाँद हो गए
हो।
[4] ईमान बेचना – बेईमानी करना
वाक्य प्रयोग – ईमान बेचने वाले कभी संतुष्ट नहीं हो सकते।
उ, ऊ से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] उलटे पाँव लौटना – बिना रुके, तुरंत वापस लौट जाना
वाक्य प्रयोग – मनीषा के घर पर ताला लगा था इसलिए मैं उलटे पाँव लौट आई।
[2] ऊँची दुकान फीके पकवान – प्रसिद्ध स्थान की निकृष्ट वस्तु होना।
वाक्य प्रयोग – हम यह सोचकर बड़ी मिल का कपड़ा लाए थे कि अधिक चलेगा, किन्तु धोते ही उसका रंग निकल गया। यह तो वही हुआ कि ऊँची दुकान फीके पकवान।
[3] उँगली उठाना — दोष दिखाना।
वाक्य प्रयोग – समय आने पर ही वास्तविकता का पता चलता है। प्रदीप की सच्चाई पर किसी को सन्देह नहीं था, किन्तु अब तो लोग उस पर भी उँगली उठाने लगे हैं।
[4] उलटी गंगा बहाना – अनहोनी या लीक से हटकर बात करना
वाक्य प्रयोग – अमित हमेशा उल्टी गंगा बहाता हैं – कह रहा था कि वह हाथों के बल चलकर स्कूल जाएगा।
[5] उँगली पर नचाना – संकेत पर कार्य कराना।
वाक्य प्रयोग – रमेश अपनी पत्नी को उँगलियों पर नचाता है।
[6] उलटी-सीधी सुनाना – डाँटना-फटकारना
वाक्य प्रयोग – जब माला ने दादी का कहना नहीं माना तो वे उसे उल्टी-सीधी सुनाने लगीं।
[7] उल्लू सीधा करना – किसी को बेवकूफ बनाकर काम निकालना।
वाक्य प्रयोग -फसाद करानेवाले लोग तो अपना ही उल्लू सीधा करते हैं।
ए, ऐ से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] एक और एक ग्यारह होना – एकता में शक्ति होना।
वाक्य प्रयोग – उनको कमजोर मत समझो, आवश्यकता पड़ने पर वे एक और एक ग्यारह हो जाते हैं।
[2] एक ही नाव में सवार होना – एक जैसी परिस्थिति में होना
वाक्य प्रयोग – साल भर राम और श्याम मज़े करते रहे, अब परीक्षा के समय दोनों एक ही नाव में सवार हैं।
[3] एक अनार सौ बीमार – एक वस्तु के लिए बहुत – से व्यक्तियों द्वारा प्रयत्न करना।
वाक्य प्रयोग – मेरे पास पुस्तक एक है और माँगनेवाले दस छात्र हैं। यह तो वही बात हुई कि एक अनार सौ बीमार।
[4] एड़ी-चोटी का पसीना एक करना – अत्यधिक परिश्रम करना।
वाक्य प्रयोग – अच्छी श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण करना कोई सरल कार्य नहीं है। एड़ी-चोटी का पसीना एक करने पर ही अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं।
[5] ऐसा-वैसा – साधारण, तुच्छ
वाक्य प्रयोग – राजू ऐसा-वैसा नहीं हैं, वह लखपति हैं और वकील भी हैं।
ओ, औ से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] ओखली में सिर देना-जान – बूझकर अपने को मुसीबत में डालना।
वाक्य प्रयोग – उस नामी गुण्डे को छेड़कर क्यों ओखली में सिर दे रहे हो।
[2] ओस के मोती – क्षणभंगुर
वाक्य प्रयोग – काँच की चीज़े बहुत संभल कर रखनी पड़ती है क्योंकि काँच की चीज़े ओस के मोती की तरह होती है।
[3] ओर छोर न मिलना – रहस्य का पता न चलना
वाक्य प्रयोग – रोहन विचित्र आदमी हैं, उसकी योजनाओं का कुछ ओर-छोर नहीं मिलता।
क से शुरू होने वाले मुहावरा
[1] कंगाली में आटा गीला होना – विपत्ति में और विपत्ति आना।
वाक्य प्रयोग – श्री गुप्ता की पहले तो नौकरी छूट गई और उसके बाद उनके घर में चोरी हो गई। वास्तव में कंगाली में आटा गीला होना इसे ही कहते हैं।
[2] कमर टूटना – बेसहारा होना
वाक्य प्रयोग – जवान बेटे के मर जाने बाप की कमर ही टूट गयी।
[3] कागजी घोड़े दौड़ाना – केवल लिखा-पढ़ी करना, पर कुछ काम की बात न होना
वाक्य प्रयोग – आजकल सरकारी दफ्तर में सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ते है; होता कुछ नही।
[4] कन्धे से कन्धा मिलाना – सहयोग देना।
वाक्य प्रयोग – देश पर विपत्ति के समय प्रत्येक नागरिक को कन्धे से कन्धा मिलाकर काम करना चाहिए, जिससे दुश्मन हमारा कुछ भी नं बिगाड़ सके।
[5] कलेजे पर पत्थर रखना – धैर्य धारण करना।
वाक्य प्रयोग – पुत्र की मृत्यु का दुःख उसने कलेजे पर पत्थर रखकर सहन किया।
[6] काठ का उल्लू होना – मूर्ख होना।
वाक्य प्रयोग – उससे बात करना बिल्कुल व्यर्थ है। वह तो निरा काठ का उल्लू है।
[7] कीचड़ उछालना – लांछन लगाना।
वाक्य प्रयोग – कुछ लोगों को दूसरों पर कीचड़ उछालने में मजा आता है।
[8] कुत्ते की मौत मरना – बुरी तरह मरना।
वाक्य प्रयोग – तस्कर व डाकू जब पुलिस के चंगुल में पड़ जाते हैं तो कुत्ते की मौत मारे जाते हैं।
[9] कोल्हू का बैल – अत्यन्त परिश्रमी।
वाक्य प्रयोग – मजदूर रात-दिन कोल्हू के बैल की तरह जुटे रहने पर भी भरपेट रोटी प्राप्त नहीं कर पाते।
[10] कान खड़े होना – सचेत होना।
वाक्य प्रयोग – अपने सम्बन्ध में बात होते देखकर उसके कान खड़े हो गए।
[11] कान भरना – चुगली करना।
वाक्य प्रयोग – मोहन ने सोहन से कहा कि आज साहब नाराज हैं, किसी ने उनके कान भरे हैं।
[12] काला अक्षर भैंस बराबर — बिल्कुल अनपढ़।
वाक्य प्रयोग – संगीत के विषय में मेरी स्थिति काला अक्षर भैंस बराबर है।
[13] कुआँ खोदना – हानि पहुँचाने के यत्न करना
वाक्य प्रयोग – जो दूसरों के लिये कुआँ खोदता है उसमे वह खुद गिरता है।
[14] कड़वा घूँट पीना – चुपचाप अपमान सहना
वाक्य प्रयोग – पड़ोसी की जली-कटी सुनकर रामलाल कड़वा घूँट पीकर रह गए।
[15] कफ़न सिर से बाँधना – लड़ने-मरने के लिए तैयार होना
वाक्य प्रयोग – हमारे सैनिक सिर से कफ़न बाँधकर ही देश की रक्षा करते हैं।
[16] कदम पर कदम रखना – अनुकरण करना
वाक्य प्रयोग – महापुरुषों के कदम पर कदम रखना अच्छी आदत हैं।
[17] कलेजा ठण्डा होना – सुख-संतोष मिलना
वाक्य प्रयोग – जब रवि की नौकरी लग गई तब उसकी माँ का कलेजा ठण्ड हुआ।
[18] कानाफूसी करना – निन्दा करना
वाक्य प्रयोग – अरे भाई! क्या कानाफूसी कर रहे हो? हमारे आते ही चुप हो गए।
[19] कीचड़ उछालना – किसी को बदनाम करना
वाक्य प्रयोग – बेवजह किसी पर कीचड़ उछालना अच्छी बात नहीं होती।
ख से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] खून पीना – शोषण करना
वाक्य प्रयोग – सेठ रामलाल जी अपने कर्मचारियों का बहुत खून चूसते हैं।
[2] खून-पसीना एक करना – बहुत कठिन परिश्रम करना
वाक्य प्रयोग – रामू खून-पसीना एक करके दो पैसे कमाता हैं।
[3] खरी-खोटी सुनाना – फटकारना।
वाक्य प्रयोग – अध्यापक द्वारा खरी-खोटी सुनाने पर भी निर्लज्ज छात्र पर कोई प्रभाव न पड़ा।
[4] खाक में मिलाना – नष्ट करना।
वाक्य प्रयोग – अयोग्य सन्तान अपने पिता की इज्जत को तनिक-सी देर में खाक में मिला देती है।
[5] खून-पसीना एक करना – कठोर परिश्रम करना।
वाक्य प्रयोग – मुकेश ने परीक्षा में सफलता पाने के लिए खून-पसीना एक कर दिया।
[6] खून के आँसू रुलाना – बहुत सताना या परेशान करना
वाक्य प्रयोग – रामू कलियुगी पुत्र हैं, वह अपने माता-पिता को खून के आँसू रुला रहा हैं।
[7] ख़ाक छानना – भटकना
वाक्य प्रयोग – नौकरी की खोज में वह खाक छानता रहा।
[8] खबर लेना – सजा देना या किसी के विरुद्ध कार्यवाई करना
वाक्य प्रयोग – उसने मेरा काम करने से इनकार किया हैं, मुझे उसकी खबर लेनी पड़ेगी।
[9] खिचड़ी पकाना – गुप्त बात या कोई षड्यंत्र करना
वाक्य प्रयोग – छात्रों को खिचड़ी पकाते देख अध्यापक ने उन्हें डाँट दिया।
ग से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] गधे को बाप बनाना – काम निकालने के लिए मूर्ख की खुशामद करना
वाक्य प्रयोग – रामू गधे को बाप बनाना अच्छी तरह जानता हैं।
[2] गुड़ गोबर करना – बनाया काम बिगाड़ना
वाक्य प्रयोग – वीरू ने जरा-सा बोलकर सब गुड़-गोबर कर दिया।
[3] गड़े मुर्दे उखाड़ना – दबी हुई बात फिर से उभारना
वाक्य प्रयोग – जो हुआ सो हुआ, अब गड़े मुर्दे उखारने से क्या लाभ?
[4] गुस्सा पीना – क्रोध दबाना
वाक्य प्रयोग – बच्चों की नादानियों पर कभी-कभी माता-पिता गुस्सा पी कर रह जाते हैं।
[5] गाल बजाना – डींग मारना।
वाक्य प्रयोग – केवल गाल बजाने से सफलता नहीं मिल सकती, इसके लिए परिश्रम भी परम आवश्यक है।
[6] गूलर का फूल होना – अलभ्य वस्तु होना।
वाक्य प्रयोग – आज के युग में ईमानदारी गूलर का फूल हो गई है।
घ से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] घर की खेती – सहज में मिलनेवाला पदार्थ।
वाक्य प्रयोग – बाल काट देने पर इतना क्यों रोते हो? यह तो घर की खेती है। कुछ दिन में फिर बढ़ जाएगी।
[2] घी के दीये जलाना – खुशी मनाना।
वाक्य प्रयोग – अपने प्रतिद्वन्द्वी की हार पर सुनील ने घी के दीये जलाए।
[3] घाव पर नमक छिड़कना – दु:खी व्यक्ति के हृदय को और दुःख पहुँचाना।
वाक्य प्रयोग – परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाने पर रमेश वैसे ही दु:खी है। अब अपशब्द कहकर आप उसके घाव पर नमक छिड़क रहे हैं।
[4] घोड़े बेचकर सोना – निश्चिन्त होना।
वाक्य प्रयोग – किशन परीक्षा समाप्त होते ही घोड़े बेचकर सोता है।
[5] घुटने टेकना – हार या पराजय स्वीकार करना
वाक्य प्रयोग – वाक्य – संजू इतनी जल्दी घुटने टेकने वाला नहीं है, वह अंतिम साँस तक प्रयास करेगा।
[6] घर का उजाला – सुपुत्र अथवा इकलौता पुत्र
वाक्य प्रयोग – सब जानते हैं कि मोहन अपने घर का उजाला हैं।
[7] घात लगाना – मौका ताकना
वाक्य प्रयोग – वह चोर दरवान इसी दिन के लिए तो घात लगाये था, वरना विश्र्वास का ऐसा रँगीला नाटक खेलकर सेठ की तिजोरी-चाबी का पता कैसे करता?
[8] घर का न घाट का – कहीं का नहीं
वाक्य प्रयोग – कोई काम आता नही और न लगन ही है कि कुछ सीखे-पढ़े। ऐसा घर का न घाट का जिये तो कैसे जिये।
च से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] चार चाँद लगाना – चौगुनी शोभा देना
वाक्य प्रयोग – निबन्धों में मुहावरों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाते है।
[2] चिकना घड़ा होना – निर्लज्ज होना।
वाक्य प्रयोग – वह पूरा चिकना घड़ा है। उस पर आपकी बात का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
[3] चार दिन की चाँदनी – थोड़े दिन का सुख
वाक्य प्रयोग – राजा बलि का सारा बल भी जब चार दिन की चाँदनी ही रहा, तो तुम किस खेत की मूली हो?
[4] चूहे-बिल्ली का बैर – स्वाभाविक विरोध
वाक्य प्रयोग – राम और मोहन में तो चूहे-बिल्ली का बैर है। दोनों भाई हर समय झगड़ते रहते हैं।
[5] चिकनी-चुपड़ी बातें करना – चालबाजी से भरी मीठी बातें करना। उसकी बातों में न आना।
वाक्य प्रयोग – वह चिकनी-चुपड़ी बातें करके अपना मतलब सिद्ध करने में बड़ा चतुर है।
[6] चुल्लूभर पानी में डूब मरना – अपने गलत काम के लिए लज्जा का अनुभव करना।
वाक्य प्रयोग -रमेश ने अपनी बहन की सम्पत्ति पर भी कब्जा करने की कोशिश की। जब सम्बन्धियों को पता चला तो उन्होंने उससे कहा कि जाओ, चुल्लूभर पानी में डूब मरो।।
छ से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] छप्पर फाडकर देना – बिना मेहनत का अधिक धन पाना
वाक्य प्रयोग – ईश्वर जिसे देता है, उसे छप्पर फाड़कर देता है।
[2] छाती पर मूँग दलना – किसी को कष्ट देना
वाक्य प्रयोग – राजन के घर रानी दिन-रात उसकी विधवा माँ की छाती पर मूँग दल रही है।
[3] छठी का दूध याद कराना – बहुत अधिक कष्ट देना।
वाक्य प्रयोग – सतपाल ने अखाड़े में बड़े-बड़े पहलवानों को भी छठी का दूध याद करा दिया।
[4] छाती पर साँप लोटना – ईर्ष्या से हृदय जलना
वाक्य प्रयोग – जब पड़ोसी ने नई कार ली तो शेखर की छाती पर साँप लोट गया।
[5] छाती पीटना – मातम मनाना
वाक्य प्रयोग – अपने किसी संबंधी की मृत्यु पर मेरे पड़ोसी छाती पीट रहे थे।
[6] छिपा रुस्तम – अप्रसिद्ध गुणी
वाक्य प्रयोग – वरुण तो छिपा रुस्तम निकला। सब देखते रह गए और परीक्षा में उसी ने पहला स्थान प्राप्त कर लिया।
[7] छत्तीस का आँकड़ा – घोर विरोध
वाक्य प्रयोग – मुझमें और मेरे मित्र में आजकल छत्तीस का आँकड़ा है।
ज से शुरू वाले मुहावरे
[1] जी-जान लड़ाना – बहुत परिश्रम करना।
वाक्य प्रयोग – हमने तो कार्यक्रम की सफलता के लिए जी-जान लड़ा दी, किन्तु उन्हें कोई बात पसन्द ही नहीं आती।
[2] जहर उगलना – कठोर, जली-कटी, लगनेवाली बात कहना।
वाक्य प्रयोग – उन्हें जब देखो, तब जहर उगलते रहते हैं। उन्हें किसी की उन्नति तनिक भी नहीं सुहाती।
[3] जीती मक्खी निगलना – अहित की बात स्वीकार करना।
वाक्य प्रयोग – मोहना को भली प्रकार ज्ञात था कि घर और वर दोनों उसके अनुरूप नहीं हैं, फिर भी माता-पिता की विवशता देखकर उसने जीती मक्खी को निगल लिया।
[4] जान पर खेलना – साहसिक कार्य
वाक्य प्रयोग – हम जान पर खेलकर भी अपने देश की रक्षा करेंगे।
[5] जमीन पर पाँव न पड़ना – अत्यधिक खुश होना
वाक्य प्रयोग – सीता दसवीं में उत्तीर्ण हो गई है तो आज उसके जमीन पर पाँव नहीं पड़ रहे हैं।
[6] जहर का घूँट पीना – कड़वी बात सुनकर चुप रह जाना
वाक्य प्रयोग – सबके सामने अपमानित होकर रानी जहर का घूँट पीकर रह गई।
[7] जीते जी मर जाना – जीवन काल में मृत्यु से बढ़कर कष्ट भोगना
वाक्य प्रयोग – बेटे के काले कारनामों के कारण रामप्रसाद तो बेचारा जीते जी मर गया।
झ से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] झण्डी दिखाना – स्वीकृति देना
वाक्य प्रयोग – साहब के झण्डी दिखाने के बाद ही क्लर्क बाबू ने लालू का काम किया।
[2] झख मारना – व्यर्थ समय गँवाना/विवश होना।
वाक्य प्रयोग – तुम कब से बैठे झख मार रहे हो, जाकर स्नान क्यों नहीं करते?
[3] झाँसा देना – धोखा देना
वाक्य प्रयोग – विपिन को उसके सगे भाई ने ही झाँसा दे दिया।
[4] झाड़ू फेरना – बर्बाद करना
वाक्य प्रयोग – प्रेम ने अपने पिताजी की सारी दौलत पर झाड़ू फेर दी।
ट, ठ से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] टूट पड़ना – आक्रमण करना
वाक्य प्रयोग – सब लोगों को इतनी तेज भूख लगी थी कि खाना देखते ही वे टूट पड़े।
[2] टस से मस न होना — विचलित न होना।
वाक्य प्रयोग -कितनी ही विपत्तियाँ आईं, किन्तु रमेश टस से मस नहीं हुआ। अन्ततः जीत उसी की हुई।
[3] टालमटोल करना – बहाना बनाना
वाक्य प्रयोग – मैंने उनसे पूछा, ‘टालमटोल मत कीजिए। साफ बताइए, आप मेरी मदद करेंगे या नहीं?’
[4] टाँग अड़ाना – दखल देना।
वाक्य प्रयोग – उसे कुछ आता-जाता तो है नहीं, किन्तु टाँग हर बात में अड़ाता रहता है।
[5] टस से मस न होना – कुछ भी प्रभाव न पड़ना
वाक्य प्रयोग – दवा लाने के लिए मैं घंटों से कह रहा हूँ, परन्तु आप टस से मस नहीं हो रहे हैं।
[5] टोपी उछालना – इज्जत से खिलवाड़ करना।
वाक्य प्रयोग – कैसे भी प्रिय व्यक्ति को कोई अपनी टोपी उछालने की इजाजत नहीं दे सकता।
[6] टोह लेना – पता लगाना
वाक्य प्रयोग – रमा अचानक कहाँ भाग गई, किसी को नहीं मालूम अब उसकी टोह लेना आसान नहीं है।
[7] ठगा-सा रह जाना — चकित रह जाना।
वाक्य प्रयोग – साईं बाबा के चमत्कार देखकर मैं ठगा-सा रह गया।
[8] ठोंक बजाकर देखना – अच्छी तरह से जाँच-परख करना
वाक्य प्रयोग – घर-परिवार के लोग लड़के को ठोंक बजाकर देखने के बाद ही शादी के लिए हाँ करते हैं।
[9] ठीकरा फोड़ना – दोष लगाना
वाक्य प्रयोग – गलती आपकी है और ठीकरा दूसरों के सिर फोड़ रहे हैं?
[10] ठोकर खाना- असावधानी के कारण नुकसान उठाना।
वाक्य प्रयोग – रमेश हमेशा सुरेश को समझाता रहता था कि यदि बुरी राह चलोगे तो ठोकर खाओगे, लेकिन सुरेश न माना।
[11] ठोंक बजाकर देखना – अच्छी तरह से जाँच-परख करना
वाक्य प्रयोग – घर-परिवार के लोग लड़के को ठोंक बजाकर देखने के बाद ही शादी के लिए हाँ करते हैं।
[12] ठीकरा फोड़ना – दोष लगाना
वाक्य प्रयोग – गलती आपकी है और ठीकरा दूसरों के सिर फोड़ रहे हैं?
ड, ढ शुरू होने वाले मुहावरे
[1] डूबते को तिनके का सहारा – संकट में छोटी वस्तु से भी सहायता मिलना।
वाक्य प्रयोग – भूख के कारण उसके प्राण निकले जा रहे थे। तभी किसी ने उसे एक रोटी देकर मानो डूबते को तिनके का सहारा दिया।
[2] डकार जाना – हड़प जाना
वाक्य प्रयोग – सियाराम अपने भाई की सारी संपत्ति डकार गया।
[3] ढेर हो जाना – गिरकर मर जाना
वाक्य प्रयोग – कल पुलिस की मुठभेड़ में दो बदमाश ढेर हो गए।
[4] डंके की चोट पर – खुल्लमखुल्ला
वाक्य प्रयोग – शेरसिंह जो भी काम करता है, डंके की चोट पर करता है।
[5] ढोल की पोल/ढोल के भीतर पोल— बाहरी दिखावे के पीछे छिपा खोखलापन।
वाक्य प्रयोग – ये स्वामी लोग व्याख्यान तो बहुत सुन्दर देते हैं, परन्तु उनके जीवन को निकट से देखने पर पता चलता है कि ढोल के भीतर भी पोल है।
[6] ढिंढोरा पीटना- बात का खुलेआम प्रचार करना।
वाक्य प्रयोग – रमा के पेट में कोई बात नहीं पचती, वह तुरन्त बात का ढिंढोरा पीट देती है।
[7] ढोंग रचना – पाखंड करना
वाक्य प्रयोग – ढोंग रचने वाले साधुओं से मुझे सख्त नफ़रत है।
त, त्र, थ से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] तलवे चाटना – खुशामद करना। रमेश में तनिक भी स्वाभिमान नहीं है।
वाक्य प्रयोग – वह सदैव अपने अधिकारी के तलवे चाटता रहता है।
[2] तिनके का सहारा – थोड़ी-सी मदद
वाक्य प्रयोग – मैंने मोहित की जब सौ रुपए की मदद की तो उसने कहा कि डूबते को तिनके का सहारा बहुत होता है।
[3] तलवार सिर पर लटकना – खतरा होना
वाक्य प्रयोग – आजकल रामू के मैनेजर से उसकी कहासुनी हो गई है इसलिए तलवार उसके सिर पर लटकी हुई है।
[4] तेल निकालना – खूब कस कर काम लेना
वाक्य प्रयोग – प्राइवेट फर्म तो कर्मचारी का तेल निकाल लेती है। तभी विकास को नौकरी करना पसंद नहीं है।
[5] तिल का ताड़ करना/बनाना- छोटी-सी बात को बड़ी बनाना।
वाक्य प्रयोग – बात तो बहुत छोटी-सी थी, किन्तु उन्होंने तिल का ताड़ करके आपस में झगड़ा करा दिया।
[6] तीन-पाँच करना- बहाना बनाना, इधर-उधर की बात करना।
वाक्य प्रयोग – सच-सच बताओ कि बात क्या है? तीन-पाँच करोगे तो अच्छा न होगा।
[7] तलवे चाटना- खुशामद करना। रमेश में तनिक भी स्वाभिमान नहीं है।
वाक्य प्रयोग – वह सदैव अपने अधिकारी के तलवे चाटता रहता है।
[8] तोबा करना – भविष्य में किसी काम को न करने की प्रतिज्ञा करना
वाक्य प्रयोग – ईंट के व्यापार में घाटा होने से सुरेश ने इससे तोबा कर दिया।
थ से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] थूककर चाटना- त्यक्त वस्तु को पुनः ग्रहण करना, कही हुई बात पर अमल न करना।
वाक्य प्रयोग – पहले तो आवेश में तुमने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। अब उसके लिए पुनः आवेदन-पत्र देकर थूककर चाटते क्यों हो?
[2] थर्रा उठना – अत्यंत भयभीत होना
वाक्य प्रयोग – अचानक इतनी तेज धमाका हुआ कि दूर तक के लोग थर्रा उठे।
[3] थाली का बैंगन होना – ऐसा आदमी जिसका कोई सिद्धान्त न हो
वाक्य प्रयोग – आजकल के नए-नए नेता तो थाली के बैंगन हैं।
त्र से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] त्रिशुंक होना – बीच में रहना, न इधर का होना, न उधर का
वाक्य प्रयोग – केशव न तो अभी तक आया और न ही फोन किया। समारोह में जाना है या नहीं कुछ भी नहीं पता। मैं तो त्रिशुंक हो गया हूँ।
[2] त्राहि-त्राहि करना – विपत्ति या कठिनाई के समय रक्षा या शरण के लिए प्रार्थना करना
वाक्य प्रयोग – आग लगने पर बच्चे का उपाय न देखकर लोग त्राहि-त्राहि करने लगे।
द से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] दाल में काला होना – दोष छिपे होने का सन्देह होना।
वाक्य प्रयोग – पड़ोसी के घर पुलिस को आया देखकर पिता ने पुत्र से कहा-मुझे तो दाल में कुछ काला लगता है।
[2] दो कौड़ी का आदमी – तुच्छ या अविश्र्वसनीय व्यक्ति
वाक्य प्रयोग – किसी को बिना परखे दो कौड़ी का आदमी नहीं समझना चाहिए।
[3] दिल बाग-बाग होना – अत्यधिक प्रसन्न होना।
वाक्य प्रयोग – आपके घर की सजावट देखकर मेरा दिल बाग-बाग हो गया।
[4] दूध की नदियाँ बहाना – दूध का जरूरत से अधिक उत्पादन करना/धन-धान्य से परिपूर्ण होना।
वाक्य प्रयोग – श्वेत क्रान्ति भी देश में दूध की नदियाँ न बहा सकी।
[5] दुम दबाकर चल देना- डरकर हट जाना। पुलिस की ललकार सुनकर चोर दुम दबाकर भाग गए।
[6] दाँतों तले उँगली दबाना – दंग रह जाना
वाक्य प्रयोग – जब एक गरीब छात्र ने आई.ए.एस. पास कर ली तो सब दाँतों तले उँगली दबाने लगे।
ध से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] धूप में बाल सफेद करना – बिना अनुभव के जीवन का बहुत बड़ा भाग बिता देना
वाक्य प्रयोग – रामू काका ने धूप में बाल सफेद नहीं किए हैं, उन्हें बहुत अनुभव है।
[2] धोबी का कुत्ता घर का न घाट का – जिसका कहीं ठिकाना न हो, निरर्थक व्यक्ति
वाक्य प्रयोग – जब से रामू की नौकरी छूटी है, उसकी दशा धोबी का कुत्ता घर न घाट का जैसी है।
न से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] नमकहरामी करना- कृतघ्नता करना।
वाक्य प्रयोग – यदि कोई व्यक्ति हमारी भलाई करता है तो हमें उसका कृतज्ञ होना चाहिए, किन्तु बहुत-से व्यक्ति सरासर नमकहरामी करते हैं।
[2] नाक पर मक्खी न बैठने देना – अपने ऊपर किसी भी प्रकार का आक्षेप न लगने देना
वाक्य प्रयोग – जो अपनी नाक पर मक्खी तक नहीं बैठने देता, वह इस बेईमानी के धंधे में हमारी मदद करेगा, यह तो संभव ही नहीं।
[3] नजर बचाकर – चुपके से
वाक्य प्रयोग – माता-पिता की नजर बचाकर वह सिनेमा देखने आई थी।
[4] नहले पे दहला चलना – अकाट्य दाँव चलना।
वाक्य प्रयोग – बड़ी संख्या में सवर्णों को विधानसभा-टिकट देकर सुश्री मायावती ने ऐसा नहले पे दहला चला कि उन पर दलित राजनीति करने का आरोप लगानेवाले चारों खाने चित्त हो गए।
[5] नाक बचाना – इज्जत बचाना।
वाक्य प्रयोग – आजकल के बच्चे अपने माँ-बाप की नाक बचाए रखें, यही उनकी सबसे बड़ी सेवा और भक्ति है।
[6] नाक रख लेना – इज्जत रख लेना।
मुकेश ने अपने बड़े भाई की बात मानकर उनकी नाक रख ली।
[7] नाकों चने चबाना- बहुत तंग करना।
वाक्य प्रयोग – अगर हम और कहीं होते तो लोगों को नाकों चने चबवा देते।
प से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] पहाड़ टूट पड़ना — मुसीबतें आना।
वाक्य प्रयोग – राम के पिता की मृत्यु से उसके परिवार पर मानो पहाड़ टूट पड़ा।
[2] पाँचों उँगली घी में होना- आनन्द-ही-आनन्द होना।
वाक्य प्रयोग – दीपक की मम्मी के आ जाने पर आजकल उसकी पाँचों उँगली घी में हैं।
[3] पेट में चूहे कूदना – जोर की भूख
वाक्य प्रयोग – पेट में चूहे कूद रहे हों तो खाने के अलावा कहीं ध्यान नहीं जाता।
[4] पर्दाफाश करना – भेद खोलना
वाक्य प्रयोग – महेश मुझे बात-बात पर धमकी देता है कि यदि मैं उसकी बात नहीं मानूँगा तो वह मेरा पर्दाफाश कर देगा।
[5] पापड़ बेलना – कष्ट झेलना।
वाक्य प्रयोग – राम को नौकरी प्राप्त करने के लिए बड़े पापड़ बेलने पड़े।
[6] पलकों पर बिठाना – बहुत अधिक आदर-स्वागत करना
वाक्य प्रयोग – रामू ने विदेश से आए बेटों को पलकों पर बिठा लिया।
[7] पलकें बिछाना – बहुत श्रद्धापूर्वक आदर-सत्कार करना
वाक्य प्रयोग – नेताजी के आने पर सबने पलकें बिछा दीं।
[8] पेट में दाढ़ी होना – बहुत चालाक होना
वाक्य प्रयोग – उसे सीधा मत समझना। उसके पेट में दाढ़ी है, किसी भी दिन चकमा दे सकता है।
फ से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] फुलझड़ी छोड़ना – हँसी की बात कहना।
वाक्य प्रयोग – तुम तो बात-बात में फुलझड़ी छोड़ते हो। कभी तो गम्भीरता से बात किया करो।
[2] फूला न समाना – अत्यधिक प्रसन्न होना।
वाक्य प्रयोग – अपनी प्यारी बहन मीरा के मिलने पर विमल फूला नहीं समाया।
[3] फूटी आँखों न सुहाना – तनिक भी अच्छा न लगना
वाक्य प्रयोग – झूठ बोलने वाले लोग मुझे फूटी आँख नहीं सुहाते।
ब से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] बगुला भगत – ढोंगी व्यक्ति
वाक्य प्रयोग – वो साधु तो बगुलाभगत निकला, सबको लूट कर भाग गया।
[2] बुद्धि पर पत्थर पड़ना – अक्ल काम न करना
वाक्य प्रयोग – आज कर्ण की बुद्धि पर पत्थर पड़ गए तभी तो उसने 10 लाख का मकान 2 लाख में बेच दिया।
[3] बात को गाँठ में बाँधना – स्मरण/याद रखना
वाक्य प्रयोग – अध्यापकों की हर बात को गाँठ में बाँध लेना चाहिए, जीवन के किसी भी मोड़ पर कोई भी बात काम आ सकती है।
[4] बाल बाँका न होना – जरा भी हानि न होना
वाक्य प्रयोग – जिसकी रक्षा ईश्वर करता है, उसका बाल भी बाँका नहीं हो सकता।
[5] बगलें झाँकना – निरुत्तर होना।
वाक्य प्रयोग – अध्यापक के प्रश्न को सुनकर तथा उत्तर समझ में न आने पर छात्रगण बगलें झाँकने लगे।
[6] बुढ़ापे की लाठी – बुढ़ापे का सहारा
वाक्य प्रयोग – रामदीन का बेटा उसके बुढ़ापे का लाठी था, वह भी विदेश चला गया।
[7] बीड़ा उठाना – कोई जोखिम भरा काम करने की जिम्मेदारी लेना।
वाक्य प्रयोग – फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने युद्ध-क्षेत्र में घायलों की सेवा का बीड़ा उठाया।
[8] बहती गंगा में हाथ धोना – समय का लाभ उठाना
वाक्य प्रयोग – हर आदमी बहती गंगा में हाथ धोना चाहता है चाहें उसमें क्षमता हो या न हो।
[9] बे-सिर-पैर की बात करना — निरर्थक बात करना।
वाक्य प्रयोग – उन्हें काम तो कुछ है नहीं, हर समय बे-सिर-पैर की बात करते हैं।
भ से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] भैंस के आगे बीन बजाना – वज्र मूर्ख के सामने बुद्धिमानी की बातें करना
वाक्य प्रयोग – राजू को कोई बात समझाना तो भैंस के आगे बीन बजाना है।
[2] भाड़े का टट्टू – किराए का आदमी
वाक्य प्रयोग – मेहनत के काम भाड़े के टट्टुओं से नहीं होते। खुद मेहनत करनी पड़ती है।
[3] भण्डा फूटना – भेद खुल जाना, रहस्य प्रकट हो जाना।
वाक्य प्रयोग – जनसभा में जब नेताजी के भ्रष्टाचार का भण्डा फूट गया तो वे चुपचाप ही वहाँ से खिसक लिए।
[4] भीगी बिल्ली होना – डर से दबना
वाक्य प्रयोग – वह अपने शिक्षक के सामने भीगी बिल्ली हो जाता है।
म से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] मगरमच्छ के आँसू – दिखावटी सहानुभूति प्रकट करना
वाक्य प्रयोग – राम के फेल होने पर उसके साथी मगरमच्छ के आँसू बहाने लगे।
[2] मुफ़्त की रोटियाँ तोड़ना – बिना काम किये दूसरों का अन्न खाना
वाक्य प्रयोग – कुछ लोगों को मुफ़्त की रोटियाँ तोड़ने की आदत होती है।
[3] मिट्टी में मिलाना – पूरी तरह नष्ट कर देना।
वाक्य प्रयोग – कुपुत्र अपने पूर्वजों के यश को मिट्टी में मिला देते हैं।
[4] मजा किरकिरा होना – आनंद में विघ्न पड़ना
वाक्य प्रयोग – बार-बार बिजली आती-जाती रही इसलिए फ़िल्म का सारा मजा किरकिरा हो गया।
[5] मिट्टी के मोल बिकना – अत्यन्त कम मूल्य पर बिकना।
वाक्य प्रयोग – विवश होकर प्रेमचन्दजी को अपने उपन्यास प्रकाशकों के हाथ मिट्टी के मोल बेचने पड़े।
[6] मुँह में पानी भर आना – जी ललचाना।
वाक्य प्रयोग – मिठाइयों का नाम सुनते ही उसके मुँह में पानी भर आया।
य से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] युक्ति लड़ाना – उपाय करना
वाक्य प्रयोग – अशोक हमेशा पैसा कमाने की युक्ति लड़ाता रहता।
र से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] रंग जमाना – धाक जमाना।
वाक्य प्रयोग – किसी समय फिल्मी दुनिया में अमिताभ बच्चन ने अपना रंग जमा रखा था।
[2] राई से पर्वत करना – छोटी बात को बहुत बढ़ा देना।
वाक्य प्रयोग – साम्प्रदायिक दंगों के समय समाज-विरोधी तत्त्व राई-जैसी बातों को पर्वत बनाकर अपने स्वार्थ की पूर्ति करते हैं।
[3] रोंगटे खड़े होना – भयभीत होना, हर्ष/आश्चर्य से पुलकित होना।
वाक्य प्रयोग – अनियन्त्रित बस जब पहाड़ी के किनारे एक पेड़ से रुक गई और यात्रियों ने पहाड़ी से नीचे देखा तो खाई की गहराई देखकर उनके रोंगटे खड़े हो गए।
[4] रंगे हाथों पकड़ना – अपराध करते हुए पकड़ना
वाक्य प्रयोग – पुलिस ने चोर को रंगे हाथों पकड़ लिया।
[5] रोंगटे खड़े होना – भय, शोक, हर्ष आदि के कारण रोमांचित होना
वाक्य प्रयोग – रात को डर के मारे मेरी पत्नी के रोंगटे खड़े हो गए।
ल, व से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] लकीर का फकीर होना – पुरानी नीति पर चलना।
आधुनिक विज्ञान के युग में लकीर का फकीर होना समझदारी का प्रमाण नहीं है।
[2] लोहे के चने चबाना – कठिनाई झेलना
वाक्य प्रयोग – भारतीय सेना के सामने पाकिस्तानी सेना को लोहे के चने चबाने पड़े।
[3] लुटिया डूबना – काम चौपट हो जाना
वाक्य प्रयोग – रामू ने नया कारोबार किया था, उसकी लुटिया डूब गई।
[4] लोहा लेना – साहसपूर्वक सामना करना।
वाक्य प्रयोग – हमें अपने शत्रुओं से डटकर लोहा लेना चाहिए।
[5] लीप-पोत कर बराबर करना – सर्वस्व बर्बाद कर देना
वाक्य प्रयोग – जब से वह कंपनी का मैनेजर हुआ, उसने कंपनी का सारा हिसाब लीप-पोत कर बराबर कर दिया।
[6] वज्र टूटना – भारी विपत्ति आना
वाक्य प्रयोग – रामू के पिताजी के मरने के पश्चात् उस पर वज्र टूट पड़ा।
[7] विष उगलना – कड़वी बात कहना
वाक्य प्रयोग – कालू हमेशा राजू के खिलाफ विष उगलता रहता है।
[8] वेद वाक्य – सौ प्रतिशत सत्य
वाक्य प्रयोग – हमारे शिक्षक की कही हर बात वेद वाक्य है।
[9] विष घोलना – किसी के मन में शक या ईर्ष्या पैदा करना
वाक्य प्रयोग – राजू ने बनी-बनाई बात में विष घोल दिया।
श, ष से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] शैतान का बच्चा – बहुत नीच और दुष्ट आदमी
वाक्य प्रयोग – वह वकील तो शैतान का बच्चा है, गरीबों की मजबूरियों का फायदा उठाता है।
[2] शीशे में अपना मुँह देखना – अपनी योग्यता पर विचार करना
वाक्य प्रयोग – पहले शीशे में अपना मुँह देखना चाहिए तब किसी और के बारे में राय बनानी चाहिए।
[3] शेर होना – निर्भय और घृष्ट होना
वाक्य प्रयोग – पुरानी कहावत है – अपनी गली में तो कुत्ते भी शेर होता है।
[5] श्रीगणेश करना – शुभारम्भ करना
वाक्य प्रयोग – कोई शुभ दिन देखकर किसी शुभ कर्म का श्रीगणेश करना चाहिए।
स से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] सफेद झूठ – बिल्कुल झूठ।
वाक्य प्रयोग – उसके प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने का समाचार सफेद झूठ है।
[2] सिर पर कफ़न बाँधना – मरने के लिए तैयार रहना
वाक्य प्रयोग – सैनिक सीमा पर सिर पर कफ़न बाँधे रहते हैं।
[3] साँप को दूध पिलाना – दुष्ट को आश्रय देना
वाक्य प्रयोग – नेताजी ने अपनी सुरक्षा के लिए एक गुंडे को रख लिया पर एक दिन उसी गुंडे ने गुस्से में नेताजी का ही खून कर दिया, इसलिए कहा जाता है कि साँप को दूध पिलाना अक्लमंदी नहीं है।
[4] साँप सूँघ जाना – हक्का बक्का रह जाना
वाक्य प्रयोग – दुष्ट लोग बहुत गुंडागर्दी कर रहे थे, जब थानेदार साहब को देखा तो साँप सूँघ गया।
[5] सोने पे सुहागा – बेहतर होना
वाक्य प्रयोग – सेठ दीनानाथ पहले से ही करोड़पति थे और अब उनकी लॉटरी भी निकल आई। इसे कहते हैं सोने पे सुहागा।
[6] सिर खुजलाना – सोच में पड़ जाना, अनिर्णय की स्थिति में होना।
वाक्य प्रयोग – परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने के कारण पूछे जाने पर निकेत सिर खुजलाने लगा कि क्या जवाब दे।
ह से शुरू होने वाले मुहावरे
[1] हथियार डाल देना – हार मान लेना
वाक्य प्रयोग – कारगिल की लड़ाई में पाकिस्तान ने हथियार डाल दिए थे।
[2] हथेली पर सरसों जमाना – कोई कठिन काम तुरन्त करना
वाक्य प्रयोग – जब सीमा ने राजू को दो घंटे में पूरी किताब याद करने को कहा तो राजू ने हथेली पर सरसों जमाने के लिए मना कर दिया।
[3] होश उड़ जाना — घबरा जाना।
वाक्य प्रयोग – सामने से शेर को आता देखकर शिकारी के होश उड़ गए।
[4] होंठ काटना – क्रोधित होना
वाक्य प्रयोग – रामू का जवाब सुनकर उसके पिताजी ने होंठ काट लिए।
[5] हाथ मलते रह जाना – पश्चात्ताप होना।
वाक्य प्रयोग – पहले तो परिश्रम नहीं किया, अब अनुत्तीर्ण हो जाने पर हाथ मलने से क्या होता है।
[6] हरी झंडी दिखाना – आगे बढ़ने का संकेत करना
वाक्य प्रयोग – नेता जी के घर में बिना हरी झंडी दिखाए कोई काम शुरू नहीं कर सकते।
[7] हड्डी-पसली एक करना – खूब मारना-पीटना
वाक्य प्रयोग – बदमाशों ने काशी की हड्डी-पसली एक कर दी।